काली घटा
बरसे हैं बादल भीगे है नयना,
ओ री बदरिया मेरे साजन से कहना।
यह ठण्डी हवाएं हमकों सताएं,
काली घटाएं जिया डराएं,
मुश्किल हुआ विरहा का सहना।
याद आएं तेरे साथ बिताई बरसातें,
भीगे मन वो शरमाई हयातें,
बरसता मौसम आओ साजन दूर न रहना।
गिरती यह बूंदे मन को भिगाएं,
जिया में कितने दर्द उठाएं,
मुश्किल करे यह तेज पुरवइया का वहना।
Seema Priyadarshini sahay
11-Sep-2021 09:38 PM
बहुत ही खूबसूरत
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Swati chourasia
11-Sep-2021 07:13 PM
Very nice
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